किसानो पर पुलिस वालों का अत्याचार।

 


बीते दिन जो किसानो पर अत्याचार की कुछ तस्वीरे देख कर मन भाऊक हुआ जो घटना हुई अथवा हो रही है ओ चिंता जनक है। चूंकि मै एक मैं एक किसान अध्यापक का बेटा हूँ और खुद भी थोड़ा-बहुत मिट्टी से जुड़ा हुआ हूँ तो इस नाते देश की सारी सियासी जमात से बड़े दुखी और भरे मन से केवल प्रार्थना ही तो कर सकता हूँ इतना तो हक बनता है।

मेरे विचार से या कहूँ सबके विचार से किसान और मिट्टी के बीच में केवल समर्पण और दुलार को ही आना चाहिए ! ना की “सत्ता ओर राजनीति” का। जब-जब इन दोनों माँ-बेटों के रिश्ते के बीच में आई हैं तब-तब वक़्त तक को ख़राब वक़्त भोगना पड़ा है ! जो भी लोग इस रिश्ते को सही कर सकते हों या करा सकते हों उनसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है, अभी भी वक्त है, आँख के पानी और पसीने में दरार मत डलने दीजिए।



आप सब पक्ष- विपक्षा वालों में अगर ज़रा सी भी संवेदना बची हो तो आप बहुत सब बड़े लोग आज रात, थोड़ी देर के लिए, देश का नक़्शा आँखों के आगे लाकर सोचिएगा ज़रूर 😢🙏🇮🇳 

हक मांगना हम सबका सविधानिक अधिकार है कृपया इसको हमसे न छीने। जय हिन्द।

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